पारुल चौधरी की जीवनी: जानिए कौन हैं पारुल चौधरी – विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली धाविका। पढ़ें पारुल चौधरी की जीवनी, उनके जन्मस्थान और उपलब्धियों के बारे में।
भारतीय धावक पारुल चौधरी ने हाल ही में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 3000m स्टीपलचेज में भारत के लिए किया प्रतिष्ठान। उनका जन्म 15 अप्रैल 1995 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था और वे एक हिन्दू परिवार से हैं। पारुल ने 2023 में बैंकॉक में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 3000m स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीता था। वे भारतीय महिलाओं में पहली ऐसी धावक हैं जिन्होंने 3000m में समय का आंकड़ा 9 मिनट से कम किया है। इन्होंने भारतीय एथलेटिक्स में एक नई पहचान बनाई है और अब पूरी दुनिया उनके बारे में जानना चाहती है। आइए जानते हैं उनकी जीवनी के बारे में।
उनके करियर में कई महत्वपूर्ण मीट और चैम्पियनशिप्स में भाग लेने के बाद, पारुल ने 2023 में विश्व चैम्पियनशिप में भी अपना नाम रोशन किया। क्या पारुल चौधरी अपनी प्रतिभा और संकल्पना से भारत को विश्व मंच पर एक नई पहचान देंगी? जानने के लिए बने रहिए।
विवरण | जानकारी |
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जन्म | 15 अप्रैल 1995, मेरठ, उत्तर प्रदेश |
उम्र | 28 वर्ष (2023 में) |
माता-पिता | NA |
धावन शैली | दूरीदौड़, 3000m स्टीपलचेज |
सर्वश्रेष्ठ समय | 1500m – 4:18.80 मिनट (2018) |
3000m – 8:57.19 मिनट (2022) | |
3000m SC – 9:24.29 मिनट (2023) | |
5000m – 15:10.35 मिनट (2023) | |
पदक और उपलब्धियाँ | – एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक (2017) |
– विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का फाइनल (2023) | |
– राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक |
पारुल चौधरी कौन हैं?
पारुल चौधरी भारतीय महिला धावक हैं, जिनका जन्म 15 अप्रैल 1995 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे एक हिन्दू परिवार से हैं। पारुल का प्रमुख विशेषज्ञता 5000 मीटर और 3000 मीटर स्टीपलचेज धावन में है। वे भारतीय महिलाओं में पहली ऐसी धावक हैं जिन्होंने 3000m में समय का आंकड़ा 9 मिनट से कम किया है।
उन्होंने जुलाई 2023 में बैंकॉक में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 3000m स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीता। पारुल ने हाल ही में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2023 में भी भारत के लिए प्रतिष्ठान बढ़ाया, जहां वे 3000m स्टीपलचेज फाइनल में भाग लेंगी।
पारुल के करियर की शुरुआत 2017 में हुई थी और उसके बाद वे ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप्स में भाग लिया। उनके कई रिकॉर्ड और उपलब्धियाँ हैं, जिसमें 1500 मीटर के लिए 4:18.80, 3000 मीटर के लिए 8:57.19 और 5000 मीटर के लिए 15:10.35 शामिल हैं।
पारुल के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन ने भारतीय एथलेटिक्स में महिलाओं के लिए एक नई राह दिखाई है और उन्हें एक नयी पहचान दी है।
पारुल चौधरी का जन्म
पारुल चौधरी का जन्म 15 अप्रैल 1995 को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ शहर में हुआ था। वे एक हिन्दू परिवार से हैं। उनकी उम्र वर्तमान में 28 वर्ष है।
पारुल चौधरी की जीवनी
पारुल चौधरी का जन्म 15 अप्रैल 1995 को उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हुआ था। वे एक मध्यम वर्गीय हिंदू परिवार से आती हैं। पारुल के पिता एक सरकारी नौकरी में थे और मां घरेलू थीं। उनका बचपन काफी सामान्य रहा।
पारुल ने हमेशा से ही खेलकूद में रुचि रखी थी। स्कूल के दिनों से ही वे धावन क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती थीं। उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और पदक जीते। धीरे-धीरे उनकी प्रतिभा को सही मंच मिला और वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहीं।
2017 में, पारुल ने भुवनेश्वर में आयोजित 56वीं राष्ट्रीय इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता। इसी साल, उन्होंने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी 3000 मीटर स्टीपलचेज में चौथा स्थान हासिल किया।
2018 में, पारुल ने 1500 मीटर में 4:18.80 मिनट का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय दर्ज किया। 2019 एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने 3000 मीटर स्टीपलचेज में पांचवा स्थान हासिल किया और 5000 मीटर में कांस्य पदक जीता।
वर्ष 2022 में, पारुल चौधरी ने अपना पहला राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया जब उन्होंने लॉस एंजिलिस में आयोजित मुकाबले में 3000 मीटर दौड़ में 8:57.19 मिनट का समय लिया। इसी साल विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 5000 मीटर और 3000 मीटर स्टीपलचेज में भाग लिया।
2023 में, पारुल चौधरी ने बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए चुनी गईं। यहां 3000 मीटर स्टीपलचेज में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह बनाई। पारुल चौधरी 9:24.29 मिनट का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय लेकर फाइनल में पहुंचीं।
पारुल चौधरी के मन में हमेशा से ही देश का प्रतिनिधित्व करने का जज्बा रहा है। वे हमेशा भारत के लिए पदक जीतने का सपना देखती रही हैं। अब विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचकर वे अपने सपने को साकार करने के बेहद करीब हैं।
पारुल की कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसपर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है। अब सभी की निगाहें बुडापेस्ट के फाइनल पर टिकी हुई हैं, जहां पारुल चौधरी भारत के लिए इतिहास रच सकती हैं।
पारुल चौधरी जैसी प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने देश का नाम विश्व स्तर पर ऊंचा किया है। उन्होंने हमें दिखाया है कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। उनकी कहानी हर युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
पारुल चौधरी मेरठ के एक हिन्दू परिवार में पैदा हुए थे। उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि का खेलकूद से कोई विशेष संबंध नहीं था, लेकिन उन्होंने बचपन से ही एथलेटिक्स में रुचि दिखाई।
करियर
शुरुआती साल
पारुल चौधरी का खेलकूद में योगदान बचपन से ही शुरू हुआ। उनकी प्रारंभिक प्रगति के बाद, उन्होंने अपने कोच स्कॉट सिमन्स के साथ काम करना शुरू किया।
उत्कृष्ट प्रदर्शन
2023 में, पारुल ने बैंकॉक में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में महिलाओं के 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीता।
विश्व चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन
विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, 2023 में पारुल चौधरी ने भारत के लिए एक और इतिहास रचा। उन्होंने 3000 मीटर स्टीपलचेज में पांचवीं स्थान पर आकर फाइनल के लिए अपनी जगह सुरक्षित की।
प्रतिष्ठान और पुरस्कार
- 3000 मीटर: 8:57.19 भारतीय रिकॉर्ड (2022, लॉस एंजेलेस)
- 5000 मीटर: 15:10.35 भारतीय रिकॉर्ड (2023, वॉलनट)
अंतिम शब्द
पारुल चौधरी ने भारतीय एथलेटिक्स के मानकों को नए ऊंचाईयों पर पहुंचाया है। उनका संघर्षमय और प्रेरणादायक सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल साबित होगा।
Author Profile
- रिमली गोहाइन प्रगति समाचार की सह-संस्थापक हैं। वे स्वास्थ्य, संबंधों और अन्य विषयों पर लेखन करती हैं। ब्लॉगिंग उनका जुनून है और वे अपने विचारों को दूसरों के साथ साझा करना पसंद करती हैं। उन्होंने कई स्वास्थ्य और रिश्तों से संबंधित लेख लिखे हैं जो पाठकों को प्रेरित और सूचित करते हैं। वे हिंदीमीडियम की एक करिश्माई लेखिका हैं।