दुत्तापुकुर: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दुत्तापुकुर में रविवार को एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में 7 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। घायलों को बारासात अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से एक बार फिर से स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि पहले भी फैक्टरी के खिलाफ कई शिकायतें आई थीं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

विस्फोट रविवार की सुबह करीब 10 बजे हुआ, जिस समय कारख़ाने में कई लोग काम कर रहे थे। घायलों को तत्काल बरासात अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है। यह कारख़ाना नीलगंज के मोषपोले इलाके में स्थित था, जो कि कोलकाता से करीब 30 किलोमीटर उत्तर में है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दुत्तापुकुर के इस घर में बिना जरूरी अनुमतियों के आतिशबाजी निर्माण के लिए कच्चा माल रखा गया था।
प्रतिक्रियाएँ और आरोप
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रविवार सुबह 10 बजे के आसपास जब विस्फोट हुआ, तब फैक्टरी में कई लोग काम कर रहे थे। फैक्टरी दुत्तापुकुर पुलिस स्टेशन की सीमा में निलगुंज के मोशपोल में स्थित थी।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी फैक्टरी में एक छोटा हादसा हुआ था, लेकिन फैक्टरी के खिलाफ शिकायतों के बावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बारासात में पुलिस अधिकारी ने कहा, “दुत्तापुकुर में विस्फोट में कुछ लोगों के मारे जाने की आशंका है। बचाव अभियान जारी है। सभी घायलों को इलाज के लिए बारासात अस्पताल ले जाया गया है।”
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सरकार पर इस हादसे के लिए जिम्मेदारी लगाई है। 16 मई को हुए हादसे के बाद सरकार ने पटाखा उद्योग को विनियमित करने का दावा किया था, लेकिन कोई प्रगति नहीं की गई।
दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की गई है। घायलों का इलाज चल रहा है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है
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