मदुरै, तमिलनाडु: मदुरै में हुई ट्रेन आग की घटना में 9 लोगों की मृत्यु के पीछे की वजह क्या थी, इस पर मदुरै सांसद सु वेंकटेशन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस दुर्घटना के लिए ट्रेन की सुरक्षा बलों की लापरवाही जिम्मेदार है।
घटना का विवरण:
मदुरै रेलवे स्टेशन के पास खड़ी एक पर्यटक ट्रेन में सिलेंडर फटने से आग लग गई और 9 लोग जिंदा जल गए। घायलों का इलाज चल रहा है। सुबह-सुबह ट्रेन में चाय बनाने के लिए जब चूल्हा जलाया गया तो गैस रिसने लगी और आग लग गई।

उत्तर के डकैतों की तरह पूरी ट्रेन को अंदर से बंद करके रखा गया था और खिड़कियाँ खुली छोड़ी गई थीं ताकि कोई अंदर न घुस सके। इस कारण आग लगने पर बाहर निकल भी नहीं पाए। अधिकतर बुजुर्ग थे, इसलिए जब तक वे जागे और स्थिति को समझे, तब तक आग पूरे डिब्बे में फैल चुकी थी।
इसके अलावा शौचालय में लकड़ियाँ बिखरी पड़ी थीं जिससे भी आग लगी। इस घटना की कई लोगों ने निंदा की है। सवाल उठा है कि रेलवे पुलिस ने पेट्रोल-डीजल, केरोसिन, पटाखे, सिलेंडर जैसी आगजनी वस्तुओं को ट्रेन में ले जाने की इजाजत कैसे दे दी।
मदुरै सांसद वेंकटेशन ने अपने ट्विटर पेज पर कहा कि देशभर के किसी भी रेलवे स्टेशन पर दुकानों में गैस चूल्हे का प्रयोग नहीं होना चाहिए। बिजली का चूल्हा इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ऐसे सख्त नियम होते हुए भी इस दुर्घटना के लिए जो कारण बताया जा रहा है वो हैरान करने वाला है।
यह दुर्घटना किसी एक व्यक्ति की लापरवाही से नहीं हुई है। अगर किसी नियम के तहत ट्रेन में कोई ज्वलनशील सामान नहीं ले जाया जा सकता, फिर भी कोई गैस सिलेंडर लेकर 10 दिन तक साउथ इंडिया में घूमती रही, तो यह आरपीएफ की पूरी विफलता है। (यहां मैं ट्विटर कोड एम्बेड करूंगा)।
अगर यह दुर्घटना ट्रेन की यात्रा के दौरान होती तो बहुत बड़ा नुकसान होता। इस दुर्घटना का पहला कारण रेलवे सुरक्षा विभाग की विफलता है। रेलवे सलाहकार बोर्ड के सदस्य के नाते मैं यह भी कहता हूं कि आरपीएफ की विफलता ही इस ट्रेन आग का कारण है।”
सु वेंकटेशन ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि दोपहिया वाहन को ट्रेन में सवारी की अनुमति तभी मिलती है जब पूरी तरह से पुष्टि हो जाती है कि उसमें पेट्रोल नहीं है।
इस तरह सांसद ने ट्रेन दुर्घटना के लिए रेलवे अधिकारियों की लापरवाही पर आरोप लगाया है।
सांसद का पक्ष:
मदुरै सांसद सु वेंकटेशन ने ट्विटर पर कहा कि रेलवे स्टेशन की दुकानों में गैस चूल्हा नहीं चालू किया जाना चाहिए।
लोगों का क्या कहना है:
यहाँ तक कि ट्रेन में पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, पटाखे, सिलेंडर आदि जैसे जलनशील सामग्री ले जाने की अनुमति कैसे मिली, इस पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ:
“अगर यह दुर्घटना ट्रेन यात्रा के दौरान होती, तो यह अकल्पनीय आपदा बन सकती थी।” सु वेंकटेशन ने कहा।
आगे क्या हो?
मदुरै सांसद ने स्पष्ट किया है कि रेलवे सुरक्षा विभाग की पूरी तरह से विफलता है और उन्होंने इसे ठोस सबूत के रूप में पेश किया है।
इस घ़ातीमा दुर्घटना के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह रेलवे सुरक्षा बलों की लापरवाही है। सरकार और रेलवे मंत्रालय को इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
इस दुर्घटना से हमें यह सिखने को मिलता है कि सुरक्षा के मामले में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
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- रिमली गोहाइन प्रगति समाचार की सह-संस्थापक हैं। वे स्वास्थ्य, संबंधों और अन्य विषयों पर लेखन करती हैं। ब्लॉगिंग उनका जुनून है और वे अपने विचारों को दूसरों के साथ साझा करना पसंद करती हैं। उन्होंने कई स्वास्थ्य और रिश्तों से संबंधित लेख लिखे हैं जो पाठकों को प्रेरित और सूचित करते हैं। वे हिंदीमीडियम की एक करिश्माई लेखिका हैं।